बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव 2020(सन्दर्भ)
अगर हम पिछले वर्ष में हुए बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव की बात करें तो बीते वर्ष ही बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव की नीव रखी गई थी। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य बुंदेलखंड के साहित्य, संस्कृति, कला को देश भर में पहुंचाना था।
इसका आयोजन झांसी में किले के पास स्थित क्राफ्ट मेला ग्राउंड में 28,29 और 1 फरवरी 2020 में किया गया था। 3 दिन के इस साहित्य महोत्सव में केवल बुंदेलखंड के ही नहीं देश के कोने-कोने से रचनाकार और फनकार आये थे। विशेष तौर पर तीनों दिवस उ०प्र० कृषि विभाग के साथ कृषि जागरुकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
महोत्सव मे साहित्य, कला, मीडिया और सिनेमा क़े गणमान्य व्यक्ति शामिल हुये। जिनमें प्रमुखत: मैत्रेयी पुष्पा, पद्मश्री कैलाश मड़बईया, ऋचा अनिरुध, अंकिता जैन, नवीन कुमार(AAJ TAK), नवीन चौधरी, अकबर- आज़म कादरी, प्रह्लाद अग्रवाल, इंद्रजीत सिंह, दिनेश शंकर शैलेन्द्र, इंदिरा दांगी, कुलदीप राघव, गीत चतुर्वेदी, विवेक मिश्र, राजा बुंदेला, सुष्मिता मुखर्जी, डॉ शरद सिंह, डॉ पंकज चतुर्वेदी (NBT), दीपक दुआ, आदि सम्मिलित हुये।
SCEDULE of BLF 2020 (28-29 Fab, 01 Mar)
कृषि जागरुकता संगोष्ठी
आयोजित सत्र :
बुन्देली साहित्य – बोली का बोलबाला
साहित्य के प्रसार में सरकार की भूमिका
हिन्दी साहित्य में बुन्देलखण्ड
हिन्दी के बढ़ते कदम
जनजाति, किन्नर एवं दलित साहित्य
तनावमुक्त जीवन के सूत्र
सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम :
दिवारी लोकनृत्य (बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी)
ढीमरयाई लोकनृत्य (बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, आँशी)
बधाई (डॉ.हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय,सागर)
आल्हा (जितेंद्र एवं साथी, महोबा)
बुन्देली और अवधी लोकगीत (आयुषी पाण्डेय, सीतापुर)
प्रतियोगिताएँ:
बुन्देलखण्ड को जानो प्रतियोगिता
बुन्देली संस्कृति पर आधारित वधू सज्जा प्रतियोगिता
बुन्देली संस्कृति पर आधारित फोटोग्राफी प्रतियोगिता
आयोजित सत्र :
बाजार में साहित्य
स्त्री विमर्श (विद्रोही वनिता)
भारत में पर्यटन की दशा और दिशा
सोशल मीडिया और साहित्य
इतिहास के झरोखे में बुन्देलखण्ड
सोशल मीडिया की वर्तमान समय में प्रासंगिकता
वेबसीरीज से जन्म लेता नया सिनेमा
कवि का युवाओं से संवाद (अथाई मंच)
सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम :
संगीतसम (विश्वविद्यालय, लखनऊ)
सूफी नृत्य
शास्त्रीय ठुमरी एवं गजल गायन (सृष्टि माथुर)
फाग (बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी)
हरदौल गायन
प्रतियोगिताएँ:
बुन्देली संस्कृति पर आधारित बेबी फैशन शो
बुन्देली संस्कृति पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता
रस्साकसी प्रतियोगिता
आयोजित सत्र :
युवा लिखेगा, युवा पढ़ेगा
सिनेमाई आँख से स्त्री
मीडिया और साहित्य
मीडिया और गाँव के अन्तर्समवन्ध
हिन्दी फिल्मों से गायब होती भाषा
सिनेमा में कहाँ है गाँव
21वीं सदी मे सिनेमा के बदलते सरोकार
सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम :
देशभक्ति नृत्य (बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी)
स्वांग
गजल
भजन एवं कव्वाली (साबिर मिर्जा एवं गुप, उरई, जालौन)
प्रतियोगिताएँ:
मेंहदी प्रतियोगिता
इसके अतिरिक्त अंतिम दिन समापन का्र्यविधियों के अन्तर्गत अतिथियों एवं बुन्देलखण्ड की विभूतियों का सम्मान एवम् प्रतियोगिताओं के परिणाम की घोषणा एवं पुरस्कार वितरण किये गये।
विशेष आकर्षण (पुस्तक मेला)
साहित्य महोत्सव के इस आयोजन को अौर अधिक वैभवशाली बनाये रखने के लिये तीनों दिवस विशेष तौर पर पुस्तक मेले का आयोजन किया गया जिसमें देश के अलग- अलग स्थानों के कई जाने माने प्रकाशकों ने शिरकत की एवं साहित्य महोत्सव की गरिमा को बनाये रखने का बीड़ा उठाया।
राजकमल प्रकाशन(नयी दिल्ली) ● नेशनल बुक ट्रस्ट (नयी दिल्ली) ● वाणी प्रकाशन (नयी दिल्ली) ● प्रभात प्रकाशन (नयी दिल्ली) ● किताबघर प्रकाशन (नयी दिल्ली) ● हिन्दुस्तानी अकादमी (प्रयागराज) ● यश पब्लिकेशन्स (नयी दिल्ली) ● सामयिक प्रकाशन (नयी दिल्ली) ● शिल्पायन ● नेहा प्रकाशन (नयी दिल्ली) ● अमर चित्रकथा ● लोकोदय प्रकाशन (नयी दिल्ली) ● सत्यम पब्लिशिंग हाउस (नयी दिल्ली) ● विकल्प प्रकाशन (नयी दिल्ली) ● किरण प्रकाशन (नयी दिल्ली) ● लक्ष्मी प्रकाशन (नयी दिल्ली) ● वर्मा पब्लिकेशन्स (नयी दिल्ली) ● उत्कर्ष प्रकाशन (दिल्ली) ● अनंग प्रकाशन (नयी दिल्ली) ● नयी किताब प्रकाशन (नयी दिल्ली) ● माया प्रकाशन (कानपुर) ● विद्या प्रकाशन (कानपुर) आदि।
अन्य आकर्षण
बुन्देलखण्ड साहित्य महोत्सव ने एक आयोजक के तौर पर इस उत्सव की भव्यता को बनाये रखने का भरसक प्रयत्न किया जिसमें कई तरह की कलात्मक गतिविधियों को शामिल किया गया एवं खास तौर पर कुछ पंडाल भी लगाये गये। जिसमें मुख्य तौर पर शामिल हैं-
बुन्देली हस्तशिल्प एवं कला स्टाॅल ● कृषि विशेष स्टॅाल ● वीरांगना मंडप ● अथाई मंडप ● सांस्कृतिक मंडप ● फूड कोर्ट, मिकी माउस, जंपिंग जैक आदि।
ओपन माइक(नवयुवा हुनर मंच)
बुन्देलखण्ड साहित्य महोत्सव ने जिस प्रकार व्यापक तौर पर साहित्य, कला, सिनेमा एवं पत्रकारिता से जुड़े विशेष अतिथियों एवं दिग्गज कलाकारों को आमंत्रित किया इसी के साथ साहित्य एवं कला के क्षेत्र में रुचित नौजवानों को भी अपना हुनर दिखाने का मौका दिया। तीन दिवसीय महोत्सव में तीनों दिन संध्या समय अोपन माइक हुनर मंच का भी आयोजन किया गया जहां अनेकों युवा कलाकारों ने अपनी कलाओं( लेखन, संगीन, गायन) का प्रदर्शन किया जिसमें बुन्देलखण्ड के कई क्षेत्रों से आये युवा म्युज़िक ग्रुप्स भी जुड़े।